कोरबा छत्तीसगढ़
कोरबा। एनटीपीसी की मनमानी और लगातार उड़ते रखड़ से परेशान धनरास इलाके के ग्रामीणों का सब्र का बांध आखिरकार टूट गया। आज सुबह से ही ग्रामीण तपती धूप और तेज़ हवाओं के बीच धरना स्थल पर डटे हुए हैं। रखड़ की मार झेलते हुए उन्होंने एनटीपीसी के खिलाफ चक्का जाम कर अपना आक्रोश जाहिर किया।
बता दें कि ग्रामीणों ने कुछ दिनों पूर्व, 17 मार्च को प्रदर्शन की घोषणा की थी, लेकिन किसी कारणवश वह प्रदर्शन नहीं हो पाया था। अब दोबारा चेतावनी देने के बावजूद जब उनकी मांगों की अनदेखी हुई, तो ग्रामीणों ने आज सड़कों पर उतर कर चक्का जाम कर दिया।
धरना स्थल पर तेज़ हवा के साथ उड़ते हुए रखड़ ने हालात और भी गंभीर बना दिए। ग्रामीणों ने बताया कि लगातार उड़ती धूल और राख से उनका जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सांस लेना तक दूभर हो गया है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं।
एक ग्रामीण ने नाराजगी जताते हुए कहा, “जब अधिकारी खुद उड़ते रखड़ से बचने के लिए अपने घरों में मौन साधे बैठे हैं, तो हमारी क्या बिसात है? हम रोज़ाना इस प्रदूषण को झेल रहे हैं। अगर अब भी हमारी आवाज़ नहीं सुनी गई तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।”
गौरतलब है कि इस क्षेत्र में एनटीपीसी द्वारा संचालित प्लांट से निकलने वाली राख की उड़ान ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है। इसके बावजूद आज दोपहर तक कोई भी प्रशासनिक या कंपनी का अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश और बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीणों की मांग है कि एनटीपीसी तत्काल प्रभाव से उड़ते रखड़ पर रोक लगाने की व्यवस्था करे, साथ ही प्रदूषण नियंत्रण के प्रभावी उपाय लागू किए जाएं। साथ ही प्रभावित परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास की मांग भी उठाई जा रही है।
खबर लिखें जाने तक शासन प्रशासन एवं एनटीपीसी के अधिकारियों द्वारा प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों से कोई चर्चा नहीं किया गया है |
