कोरबा 24 दिसम्बर 2024/
“जब मेहनत का सही मूल्य मिले, तो आत्मविश्वास भी बढ़ता है।” यह कहना हैं छत्तीसगढ़ के पहंदा गांव के किसान प्यारे लाल कंवर के, जिन्होंने भैंसमा धान खरीदी केंद्र में 40 क्विंटल धान का आसानी से विक्रय कर न केवल अपनी मेहनत का सही मूल्य पाया, बल्कि इससे उनका मनोबल भी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि उनके लगभग 3 एकड़ जमीन में परिवार की सहायता से धान की फसल लगाई गई थी। जहां उनकी मेहनत और मौसम की मेहरबानी से फसल का उत्पादन अच्छा हुआ है। ऑनलाईन टोकन की व्यवस्था होने से उन्होंने घर बैठे ही पहले टोकन के रूप में 40 क्विंटल धान का विक्रय के लिए टोकन प्राप्त किया है। आने वाले दिनों में वे अपनी बची और उपज को भी समिति में विक्रय के लिए आएंगे।
किसान प्यारे लाल ने बताया कि पहले जहां किसानों को धान विक्रय के लिए समिति में लंबी कतारों और कई अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ता था, वहीं आज छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा केंद्र में धान खरीदी हेतु की गई समुचित व्यवस्था से किसानों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि पहले धान बेचने के लिए उन्हें उपार्जन केंद्रों में अत्याधिक भीड़-भाड़, समय पर टोकन न मिलना जैसे अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अब राज्य सरकार ने धान खरीदी केंद्रों में व्यवस्थित और पारदर्शी प्रक्रिया शुरू की है। जिससे धान विक्रय की व्यवस्था बहुत सरल और समयबद्ध हो गई है। केंद्रों पर धान विक्रय के लिए लंबी कतार में खड़े रहने की परेशानी से छुटकारा मिला है जिससे उन्होंने बिना किसी परेशानी के अपनी उपज को आसानी से विक्रय कर सही मूल्य प्राप्त किया है। इससे न केवल उन्हें उनकी परिश्रम का उचित दाम मिलता है, बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। सरकार द्वारा धान खरीदी हेतु की गई इस प्रकार की समुचित व्यवस्था से किसानों के जीवन में एक नई आशा और उन्हें आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर भी मिल रहा है।